जहां संदेह करने का कारण न भी हो, वहां भी संदेह करना चाहिए।
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जहां संदेह करने का कारण न भी हो वहां भी संदेह करना चाहिए।
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जहां संदेह करने का कारण न भी हो, वहां भी संदेह करना चाहिए।
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हम कथित उल्लंघनकर्ता को या अगर हमारे पास आपकी शिकायत की वैधता पर संदेह करने का कारण होता है, तो अधिकार धारक को भी मूल सूचना भेज सकते हैं.
5.
संदेह करने का कारण बिल् कुल स्पष्ट है कि वर्तमान में जिस प्रकार से पानी का बाजारीकरण हुआ है उसमें कहीं न कहीं सराय कानून बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के बिजनेस पर असर डाल रहा था।
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फिर भारतीय धनपतियों पर संदेह करने का कारण क्या था क्योंकि उस समय पाकिस्तान की टीम आस्ट्रयेलिया में दौरे पर थी और उसका प्रदर्शन अत्यंत खराब और विवादास्पद चल रहा था तब भला उसके खिलाड़ियों को कैसे वह बुलाते?
7.
यदि नहीं हो रहे तो क्यों नहीं हो रहे? मेरे संदेह करने का कारण ' एक चिंता विशेष ' है कि कहीं भारतीयों के रक्त में कुछ ऐसा रसायन न मिलाया जा रहा हो जो उनकी बौद्धिक क्षमता को घटा दे, वैदिक धर्म और संस्कृति के प्रति आस्था को शून्य कर दे.
8.
फिर ये अवैध संबंध जो उन दोनों के बीच शादी से पूर्व स्थापित थे उन दोनों में से हर एक के दूसरे के बारे में संदेह करने का कारण बन सकते हैं, चुनाँचि पति सोचे गा कि हो सकता है कि उसकी पत्नी इस तरह के (अवैध) संबंध उसके अलावा किसी और के साथ भी रखती रही हो, यदि वह इस सोच को टाल देता है और इसे असंभव समझता है तो वह अपने बारे में सोचे गा कि उसके साथ ऐसा घटित हुआ है।
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तो हम बता रहे थे कि इसी ऋषि-परंपरा में जो फोन पर ' का गुरू, क्या मौज...' वाला प्रश्न पूछा जाये तो उसका उत्तर देना सामान्य ठेलुहाचार-विरुद्ध माना गया है काहेसेकि वसुधैव कुटुंबकम् के तहत मान लिया गया है कि तथाकथित 'गुरू' मौजरस लीन हैं, सो हम भी घाघपने का परिचय देते हुए उत्तर दाब गये और जवाबी डाक से पूछे कि कहाँसे बोल रहे हो, जबकि इस पर संदेह करने का कारण तो नहीं था कि वो मुँह के अलावा और कहीं से नहीं बोले. बोले हों तो हम सुने नहीं.
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तो हम बता रहे थे कि इसी ऋषि-परंपरा में जो फोन पर ' का गुरू, क्या मौ ज... ' वाला प्रश्न पूछा जाये तो उसका उत्तर देना सामान्य ठेलुहाचार-विरुद्ध माना गया है काहेसेकि वसुधैव कुटुंबकम् के तहत मान लिया गया है कि तथाकथित ' गुरू ' मौजरस लीन हैं, सो हम भी घाघपने का परिचय देते हुए उत्तर दाब गये और जवाबी डाक से पूछे कि कहाँसे बोल रहे हो, जबकि इस पर संदेह करने का कारण तो नहीं था कि वो मुँह के अलावा और कहीं से नहीं बोले.